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Wednesday 11 July 2012

"समाकलन" (Integration)

गणित हमेशा से ही  मेरा पसंदीदा विषय रहा है,
अध्ययन के लिए मैंने यही विषय चुना,और मेरी गणित विषय में अति रुचि होने की वजह से हमेशा ही गणित की अच्छी विद्यार्थी मानी जाती थी।
मुझे  "समाकलन " में बड़ा ही मज़ा आता था.....

जीवन की इस उथल-पुथल में मैंने सोचा क्यूँ न जीवन को थोड़ा गणित से जोड़ा जाये .... और समाकलन जीवन से मिलता जुलता भी है। 
कहते हैं , जीवन संघर्ष का दूसरा नाम है .... और जन्म से मृत्यु  तक  संघर्षों के समाकलन का प्रतिफल ही तो जीवन है।

बस बन गयी एक कविता समाकलन को जीवन से जोड़कर.....
प्रस्तुत है आपके समक्ष।



बहुत पढ़ा है गणित मैंने,
पर पढ़ न सकी जीवन का गणित।
जन्म से लेकर मृत्यु तक,
जीवन संघर्षों का समाकलन है।

संघर्षों का समाकलन होता है जब,
समीकरण जीवन की बनती है तब।
संघर्षों का समाकलन करते-करते,
बढ़ती ही जाती है जीवन की समीकरण।

कुछ चर  जुड़ते हैं,कुछ अचर जुड़ते हैं,
बस बढ़ती जाती हैं उलझनें कईं।
हित करता है कोई,कोई करता अनहित,
फिर मन चाहता है कर दूँ अवकलन*।

पर समीकरण तोड़ी जो मैंने,
कई जीवन बिखर जायेंगे।
कर नहीं सकती अब अवकलन,
किया तो बहुत पछ्ताउंगी।

ये तो है जीवन का गणित,
जिसमें पीछे जाना मुश्किल है।
चाहे बुरे हों , चाहे अच्छे,
उन चर-अचरों संग जीना है।

समीकरण बन चुकी है जो अब,
उसको ही लेकर आगे बढ़ना है।
समाकलन ही समाकलन है,
अवकलन का तो विकल्प ही नहीं अब।

गणित की भाषा किताबों में रह गयी,
जीवन का गणित जब समझ में आया।
बहुत पढ़ा है गणित मैंने,
पर पढ़ न सकी जीवन का गणित।

*अवकलन (Differentiation)  - समाकलन का विपरीत अवकलन होता है,जिसमे समीकरण घटती जाती है।

19 comments:

  1. lovely poem.... truth of the life....

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    1. thanks a tonnn bharti.... nice to see you here... :)

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  2. bhut achi poem ...sach mein true picture of lyf:))

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  3. bhut pyaari poem jivan ko btati hui :))

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  4. 10/10
    too good meenakshi...
    :-)

    bless u dear

    anu

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  5. bahut khoob kaha Meenakshi ji aapne. truly very good poem.

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  6. awesum presentation.. thanks..

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  7. गणित में मैं कोई खास अच्छा नहीं रहा, गणित से प्रेम की बात तो बहुत दूर की है..फिर भी इस कविता को मैं भी अनु जी की तरह 10/10 दूँगा....

    हमारे अभिषेक ओझा बाबू ने भी अपने गणितीय प्रेम में आकार एक प्रेमपत्र तक लिख दिया था..आपको गणित से प्यार है तो वो लिंक भी दे रहा हूँ - http://uwaach.aojha.in/2011/12/blog-post.html

    :)

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  8. बस भटकते-भटकते आपके ब्लॉग तक पहुच गया. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति. अति उत्तम.

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  9. बहुत सुन्दर और सार्थक सृजन , आभार.

    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारकर अपनी शुभकामनाएं प्रदान करें.

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  10. वाह! क्या आकलन है जीवन का

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  11. बस भटकते-भटकते आपके ब्लॉग तक पहुच गया बहुत सुन्दर और सार्थक सृजन

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