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Thursday 24 October 2013

मुलाक़ात की हार्ट-बीट



चित्र गूगल से साभार !!


ओह !!


कल ख्वाब में तुम ही तो थे ,साथ मेरे !!
बहते पानी पर बने,
सुन्दर से पुल पर,

मैं थी तुम्हारे सामने ,
घेरदार,घुमावदार,ज़मीन को छूता हुआ,
लाल,बेहद आकर्षक सा विलायती गाउन पहने हुए,
और तुम भी तो जँच रहे थे,
काले रंग के विलायती कोट-पेंट में ......लग रही थी बिलकुल शाही जोड़ी,
है ना !!

अचानक आँखों के आगे,

एक तस्वीर उभर आई हो जैसे,
हम कर रहे थे सालसा,
और बहती हवा के झोंके,
छूकर जा रहे थे हमें !!

सुनो ज़रा !!
उस मुलाक़ात की हार्ट-बीट ......
बस गयी है दिल में मेरे .......

13 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।

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    1. शुक्रिया प्रतिभा जी

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    2. from the title of this poem to last word....just awesome mam...

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    3. from the tile to last word.....awesome mam..

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  2. आहा !!!! चलो थोडा रूमानी हो जाएँ.................
    :-)

    अनु

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  3. This comment has been removed by the author.

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  4. आप की इस खूबसूरत रचना के लिये ब्लौग प्रसारण की ओर से शुभकामनाएं...
    आप की ये सुंदर रचना आने वाले शनीवार यानी 26/10/2013 को कुछ पंखतियों के साथ ब्लौग प्रसारण पर भी लिंक गयी है... आप का भी इस प्रसारण में स्वागत है...आना मत भूलना...
    सूचनार्थ।

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  5. सच में स्वप्न में भी हार्ट-बीट होता है ..उम्दा पोस्ट दीपावली की सुभकामनाएँ ...मेरे भी ब्लॉग पर आये

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  6. उस मुलाकात ही हार्ट बिट बस गयी मेरे दिल में .....बहुत खूब.. सप्न्ने भी असर छोड़ते है

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  7. प्रेम - क्या क्या नहीं दे जाता

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